Kavi Shah Thakur
कवि शाह ठाकुर
कवि शाह ठाकुर दिगंबर परंपरा के उच्च कोटि के विद्वान थे। इनका जन्म खंडेलवाल जाति में और लोहड़िया गोत्र में हुआ था। इनके पिता का नाम खेत्ता था। इनके दो पुत्र थे धर्मदास और गोविंद दास। इनका भी जिन धर्म के प्रति बहुत बहुमान था। कवि स्वयं देव शास्त्र गुरु के परम भक्त और स्वाध्याय में रसिक थे। विद्वानों के प्रति उनका विशेष प्रेम था। प्रशस्ति से ज्ञात होता है कि कवि के वंश को राज सम्मान प्राप्त था। इनका समय 16वीं शताब्दी है। इनकी दो रचनाएं प्राप्त होती हैं।
1 संतिणाह चरिउ- इसकी रचना बादशाह अकबर के शासनकाल में पूर्ण हुई थी। इसमें भगवान शांतिनाथ के चरित्र का चित्रण किया गया है।
2. महापुराण कलिका - यह रचना राजा मान सिंह के शासनकाल में पूर्ण हुई थी। इस ग्रंथ में 27 संधियां हैं। और इसमें 63 शलाका पुरुषों की गौरव गाथा समाहित की गई है।